नौकरी छोड़ अब वह वात्वा और नारोल इलाकों की झुग्गी झोपडिय़ों के बच्चों को पढ़ाकर बेहतर जिंदगी का रास्ता दिखाते हैं। 45 साल के विराट शाह ने इसके लिए दुबई में अपनी नौकरी छोड़ दी। वह 200 बच्चों को मुफ्त में पढ़ाते हैं। अहमदाबाद के वात्वा इलाके में सदभावना पुलिस चौकी के पास से गुजरने पर सड़क किनारे फुटपाथ पर पढ़ रहे बच्चों को शाह ही शिक्षित कर रहे हैं।
अगर किसी बच्चे के मां बाप के पास कोई आवासीय प्रमाणपत्र नहीं होता है तो वह उस बच्चे के लोकर गार्जियन बन जाते हैं। अपने इस सफर के बारे में विराट शाह कहते हैं कि जब मैं छोटा था, तभी इसकी शुरुआत हो गई थी। मेरे पिता एक मिल मजदूर थे। उन्होंने कभी किसी को अपने दरवाजे से खाली हाथ नहीं लौटाया था।
इसी वजह से उन्हें एक रोज अपनी नौकरी गंवानी पड़ी। पढ़ाई के दौरान मैं ट्यूशन दिया करता था। किसी से ट्यूशन के लिए पैसा लेना मुझे हमेशा तकलीफ देता था लेकिन मैं मजबूर था। लेकिन अब शाह नौकरी छोड़ फ्री में बच्चों को पढ़ा रहे हैं। विराट शाह दावा करते हैं कि वह ऐसे नौ फुटपाथ स्कूल चलाते हैं जिनमें 200 बच्चे पढ़ते हैं।
source : rajasthanpatrika