हिन्दू धर्म के पुराण के अनुसार दुनिया के पहले व्यक्ति का नाम ‘मनु’ था। वहीं पश्चिमी सभ्यता के अनुसार दुनिया का पहला व्यक्ति ‘एडेम’ था। पुराण में कहा गया है कि मनु की रचना भगवान ब्रह्मा ने की थी। माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने दो लोगों (स्त्री और पुरुष) को बनाया था, इसमें एक का नाम था ‘मनु’ और दूसरा ‘शतरूपा’। दुनिया में जितने भी लोग मौजूद हैं यह सभी मनु से उत्पन्न हुए हैं।
पुराणों के अनुसार जब ब्रह्मा ने देवों, असुरों और पित्रों निर्माण कर दिया। इसके बाद वे शक्तिहीन महसूस करने लगे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या बनाएं। उसी समय उनके अंदर से एक काया उत्पन्न हुई। वो उनकी तरह ही दिखने वाली परछाई जैसी दिख रही थी। इसी को संसार का पहला मानव ‘मनु’ कहा गया।
पश्चिमी सभ्यता का पहला मानव ‘ऐडम’
पश्चिमी सभ्यता के अनुसार बाइबल में भी ईश्वर के शरीर से एक परछाईं ने जन्म लिया था। इसे ‘एडेम’ का नाम दिया गया। एडेम के साथ ही भगवान ब्रह्मा की ‘शतरूपा’की तरह ही पश्चिमी सभ्यता में भी ‘एम्बेला’ नाम के स्त्री का जन्म हुआ था। दोनों सभ्यताओं में एक स्त्री और एक पुरुष के जन्म की बात कही गई है, यही बात दोनों सभ्यताओं को काफी भिन्न बनाती हैं।
बाइबल में लिखी गई कहानी के अनुसार एडेम का निर्माण खुद ईश्वर ने किया था लेकिन दूसरी ओर मनु तो स्वयं भगवान ब्रह्मा के शरीर से काया बनकर उत्पन्न हुआ था। दूसरी ओर मनुष्य का पहला स्त्री रूप बाइबल के अनुसार मनु की पसली द्वारा बनाया गया था लेकिन पुराण के मुताबिक शतरूपा का जन्म भी भगवान ब्रह्मा की निकली काया से ही हुआ था। दोनों सभ्यता और धर्मों के अनुसार भगवान और इश्वर द्वारा इन पहले मानवों को धरती पर एक दुनिया की उत्पत्ति का आदेश दिया गया।