अंतरिक्ष विज्ञानियों ने आकाशगंगा के केंद्र में एक अदृश्य ब्लैकहोल के संकेतों की पहचान की है, जिसका वजन सूर्य के वजन का 100 हजार गुना है।

इस दल का मानना है कि यह संभावित ‘मध्यवर्ती द्रव्यमान’ ब्लैकहोल तारामंडलों के केंद्रों में स्थित भारी-भरकम ब्लैक होल्स की उत्पत्ति को समझने का मूल है।
जापान की कीओ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर तोमोहारू ओका के नेतृत्व में अंतरिक्ष विज्ञानियों के दल ने पाया कि गैस के एक गहरे बादल का पता लगाया गया, जो कि आकाशगंगा के केंद्र से महज 200 प्रकाशवर्ष की दूरी पर है। इसे सीओ-0.40-0.22 कहा गया। इस बादल में मौजूद गैस की गति भिन्न-भिन्न है।
दल ने इस रहस्यमयी गुण का पता दो रेडियो दूरदर्शियों से लगाया। इनमें से एक जापान में मौजूद 45 मीटर का नोबेयामा रेडियो टेलीस्कोप है और दूसरा चिली में एएसटीई टेलीस्कोप है। दोनों का ही संचालन एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेटरी ऑफ जापान करती है। यह शोध एस्ट्रोफिजिकल जनरल लैटर्स में प्रकाशित हुआ है।
source : indiatimes