मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने और खाने से जुड़ी इन 8 फैक्ट्स को जानना है बेहद ज़रूरी
हालांकि आज से 200 साल पहले से ही मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग होना बंद हो गया. इसके पीछे की मुख्य वजह थी बाजार में एल्युमिनियम के बर्तनों का और उनका ज्यादा इस्तेमाल करना. लेकिन एल्युमिनियम के बर्तनों में खाना बनाना शरीर के लिए हानिकारक है. आइये जानते हैं क्यों मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाना चाहिए.
1. भोजन धीरे-धीरे ही पकना चाहिए
आयुर्वेद के अनुसार, अगर भोजन को पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाना है तो उसे धीरे-धीरे ही पकना चाहिए. साथ ही भोजन में मौजूद सभी प्रोटीन शरीर को खतरनाक बीमारियों से सुरक्षित रखते हैं. भले ही मिट्टी के बर्तनों में खाना बनने में वक़्त थोड़ा ज्यादा लगता है, लेकिन इससे सेहत को पूरा लाभ मिलता है. इसके अलावा आयुर्वेद में इस बात को भी बताया गया है कि जो भोजन धीरे-धीरे पकता है वह सबसे ज्यादा पौष्टिक होता है. जबकि जो खाना जल्दी पकता है वो खतरनाक भी होता है.
2. सस्ते और आसानी से मिल जाते हैं मिट्टी के बर्तन
भारत में मिट्टी के बर्तन, बाकी धातुओं के बर्तनों के मुकाबले काफी सस्ते होते हैं. मिट्टी से बने ये बर्तन अलग-अलग आकारों और साइज़ में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं. और ये काफी सस्ते भी होते हैं. मिटटी से बने इन बर्तनों को आप घर बैठे ऑनलाइन शॉपिंग करके भी खरीद सकते हैं.
3. ज़ायकेदार खाना
अगर आपको खाने में सौंधी-सौंधी खुशबू पसंद है, तो मिट्टी के बर्तन में पका हु खाना आपको एक अलग स्वाद का अनुभव कराएगा. मिट्टी के बर्तन में जब खाना पकाया जाता है, तो आंच में पकने से उसमें मिट्टी की खुशबु और मसालों का ज़ायका मिल जाएगा, जो खाने के स्वाद को दो गुना कर देगा.
4. ख़ूबसूरती
कांच और सिरेमिक के बर्तनों की तरह ही मिट्टी के बर्तन भी हर साइज़ और आकार में मिल जाते हैं. जिन पर बेहद खूबसूरत कलाकारी और रंगों का समायोजन भी होता है. जैसे आप अपनी सुबह की चाय का मज़ा कुल्हड़ में ले सकते हैं. इसके अलावा आप पानी को ठंडा करने के लिए मटकी का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये बर्तन आपकी डाइनिंग टेबल को पारम्परिक रूप भी देंगे.
5. स्वास्थ्य लाभ
इंसान के शरीर को रोज 18 प्रकार के सूक्षम पोषक तत्व मिलने चाहिए। जो केवल मिट्टी से ही आते हैं. एलुमिनियम के प्रेशर कूकर से खाना बनाने से 87 प्रतिशत पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं. पीतल के बर्तन में खाना बनाने से केवल 7 प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट होते हैं. कांसे के बर्तन में खाना बनाने से केवल 3 प्रतिशत ही पोषक तत्व नष्ट होते हैं. केवल मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से पूरे 100 प्रतिशत पोषक तत्व मिलते हैं. और यदि मिट्टी के बर्तन में खाना खाया जाए तो उसका अलग से स्वाद भी आता है. लेकिन प्रेशर कुकर एल्यूमीनियम का होता है जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है. जिससे टी.बी, डायबिटीज, अस्थमा और पेरेलिसिस हो सकता है. प्रेशर कूकर के भाप से भोजन पकता नहीं है बल्कि उबलता है. आयुर्वेद के अुनसार खाना पकाते समय उसे हवा का स्पर्श और सूर्य का प्रकाश मिलना जरूरी है.
6. ऊष्मा प्रतिरोधी (Heat Resistant)
आम धारणा के विपरीत मिट्टी के इन बर्तनों में ऊष्मा को अवशोषित करने की क्षमता तांबे और लोहे के बर्तनों के मुकाबले ज्यादा नहीं होती इसलिए ज्यादा गरम होने पर इनके टूटने का खतरा रहता है. लेकिन धीमी आंच पर आसानी से इनमें खाना बनाया जा सकता है. आप इनमें रोज़ाना दाल, चावल और सब्ज़ी पका सकता हैं. भोजन को पकाते समय सूर्य का प्रकाश और हवा का स्पर्श होना आवश्यक है. भोजन को अधिक तापमान में पकाने से उसके शूक्ष्म पोषकतत्त्व नष्ट हो जाते हैं. भोजन को प्रेशर कुकर में पकाने से भोजन पकता नहीं है, बल्कि भाप और दबाव के कारण टूट जाता है, जिसे हम पका हुआ भोजन कहते है. इनकी सबसे अच्छी बात ये है कि इनको आप माइक्रोवेव में ही इस्तेमाल कर सकते हैं.
7. दूध और दूध से बने उत्पादों के लिए सबसे उपयुक्त
आपने मिष्टी दोई या दही तो ज़रूर खाया होगा, बंगालियों की तो सबसे पसंदीदा चीज़ होती है ये. लेकिन मिष्टी दोई खाने के लिए आपको बंगाल जाने की जरूरत नहीं है. आप अपने घर पर मिट्टी की हांडी में इसे बना सकते हैं. इसी तरह आप इसमें नॉर्मल दही भी जमा सकते हैं. अगर आप इसमें गरमा गर्म दूध डालकर पिएंगे तो आपको दूध बहुत ही स्वादिष्ट लगेगा और आप हमेशा ऐसे ही दूध पीना चाहेंगे क्योंकि मिट्टी की खुशबू दूध के स्वाद को दोगुना कर देगी.
8. कितने प्रकार के होते हैं मिट्टी के बर्तन
मिट्टी के ये बर्तन कई तरह के मिलते हैं. जिनमें सिरेमिक, क्ले, क्रीमवियर पॉट्स और पैन्स या टेराकोटा के बने हुए बर्तन मिल जाएंगे. इनकी कई तरह की रेंज आपको मिल सकती है. आप अपनी ज़रूरत के हिसाब से इनका चुनाव कर सकते हैं और इनसे मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ हासिल कर सकते हैं.
अगर आप भी जीना चाहते हैं स्वस्थ जीवन तो ज्यादा से ज्यादा मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग करें. बहुत ही कम लोग इस बात को मानेगें लेकिन ये बात तो सच है कि यदि शरीर को रोगमुक्त और लंबी उम्र तक जीना है, तो मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने की आदत डालें.
Source: sanjeevkapoor
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