एलोपेथी की नज़र आती विफलताओ से आज आयुर्वेद का कितना प्रचार प्रसार हो चूका है हम सभी जानते है | पहले के सभी राजा महाराजा आयुर्वेद से ही सारे उपचार करते थे जिसके परिणाम स्वरूप वे लगभग हमेशा स्वस्थ और अधिक उम्र जीते थे | उन्हें आयुर्वेद की सभी ओषधियाँ उनके निम हाकिम और वैद्य करवा दिया करते थे ऐसे ही उन्हें जब भी अपनी मर्दाना ताकत बढानी होती थी तो वे हमेशा आयुर्वेद का ही सहारा लेते थे जिससे उन्हें बेहतर से बेहतर परिणाम प्राप्त होते थे | इन ओषधियो और जड़ी-बूटियों में मौजूद ताकत देने वाले इन्ग्रीडिएंट्स के कारण राजा-महाराजा सालों-साल यंग और स्टेमिना से भरपूर रहते थे, हालांकि इन राजाओं के नुस्खों में कुछ काफी महंगे आईटम जैसे सोना, चांदी, मोती वगैरह इस्तेमाल होते थे लेकिन कुछ ऐसी जड़ी बूटियां भी इस्तेमाल होती थीं जो आसानी से मिल सकती हैं|
केसर
यूज़- इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, इन्फर्टिलिटी, स्पर्म काउंट, कमजोरी, थकान के लिए।
नुस्खा- गुनगुने दूध में चुटकी भर केसर डालकर रात को सोने से पहले पिएं।
सफ़ेद मूसली
यूज़ – इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, इन्फर्टिलिटी, स्पर्म की कमी, कमजोरी, इम्पोटेंसी, इम्युनिटी के लिए।
नुस्खा – एक चम्मच मूसली पाउडर मिश्री और दूध के साथ रोज़ सुबह-शाम लें।
शिलाजीत
यूज़ – कमजोरी, एनर्जी की कमी, इम्युनिटी, बुढ़ापा, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन वगैरह के लिए।
नुस्खा – चावल के दाने के बराबर शिलाजीत या इसकी चुटकी भर भस्म को एक चम्मच गाय के घी या शहद के साथ लें।
अश्वगंधा
यूज़ – कमजोरी, थकान, लो स्पर्म काउंट, इम्युनिटी के लिए।
नुस्खा – सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ एक चम्मच अश्वगंधा का पाउडर लें।
शतावर
यूज़ – इन्फर्टिलिटी, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, थकान, कमजोरी, लो स्पर्म काउंट, यूरिन प्रॉब्लम के लिए।
नुस्खा – एक-एक चम्मच मिश्री और गाय के घी के साथ आधा चम्मच शतावर का पाउडर लें। ऊपर से दूध पी लें।
पुनर्नवा
यूज़- थकान, एंटी एजिंग, कमजोरी, इरेक्टल, डिस्फंक्शन, इम्युनिटी के लिए।
नुस्खा- आधा चम्मच पुनर्नवा का पाउडर एक चम्मच शहद के साथ सुबह-शाम लें।
आंवला
यूज़- यूरिन प्रॉब्लम, थकान, कमजोरी, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, स्पर्म काउंट के लिए।
नुस्खा- एक चम्मच आंवला पाउडर समान मात्रा में मिश्री मिलाकर सोने से पहले लें। फिर गुनगुना दूध पी लें।
इमली के बीज
यूज़- थकान, एनर्जी की कमी, स्पर्म काउंट, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लिए।
नुस्खा- इमली के बीजों को भूनकर उसका पाउडर बना लें। दो चमच्च सुबह शाम मिश्री और गुनगुने दूध के साथ लें।
(Note- इन जड़ी-बूटियों और नुस्खों की जानकारी प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों चरक संहिता, भावप्रकाश के संदर्भ से एक्सपर्ट द्वारा दी गई है लेकिन इसके इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। )