भारत में एक तरफ जहाँ अंग्रेज़ी का चलन बढ़ रहा है तो वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो हिंदी सीखना चाहते हैं। आज के समय में यह बात काफी हद तक सही है कि यदि आपको अच्छी अंग्रेजी आती है तो नौकरी पाने या आजीविका चलाने में कम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए अंग्रेजी बोलना सिखाने वाले कोचिंग सेंटर हर जगह मौजूद हैं।वहीं दूसरी तरफ एक ऐसी टीचर भी हैं जो हिंदी स्पीकिंग कोचिंग सेण्टर चलाती हैं जो विदेशी लोगों को हिंदी सिखाने का काम करती हैं, साथ ही इन टीचर ने बॉलीवुड और हॉलीवुड के कई लोगों को हिंदी सिखाई है, इसलिए इन्हें लोग सेलेब्रिटी हिंदी टीचर भी कहते हैं।
दिल्ली की रहने वाली पल्लवी सिंह का हिंदी की दुनिया में एक अलग नाम बन चुका है। पल्लवी ने इंजीनियरिंग करने के बाद साइकोलॉजी में एम.ए. किया और लगभग 5 साल पहले उन्होंने हिंदी सिखाने को एक पेशे के रूप में चुना। पल्लवी आज अपने अलग तरीको से हिंदी सिखाने के लिए भी जानी जाती हैं। उनका कहना है कि वे किसी को भी कुछ घंटो में काम चलाऊ हिंदी बोलना सिखा सकती हैं।
पल्लवी अपने छात्रों को मॉल में, पार्क में या फिर कैफ़े में भी हिंदी सिखाने जाती हैं और उन्हें हिंदी की कॉमिक्स जैसे चाचा चौधरी, चपंक, पिंकी आदि पढने को देती हैं क्योंकि इनमें बहुत ही सरल शब्दों का प्रयोग होता है। उनका मानना है की इन कॉमिक्स में भारतीय संस्कृति देखने को मिलती है और साथ में अगर पढ़ने से कुछ समझ नही आता तो चित्र देख कर समझ में आ जाता है, जिससे करेक्टर क्या कह रहे हैं यह समझना आसान हो जाता है।
पल्लवी ने साल 2011 में इसकी शुरुआत एक हॉबी के रूप में की थी और धीरे-धीरे उनके छात्र बढ़ते गए। जो लोग भारत में घूमने या फिर बिज़नेस करने आने वाले लोगों को हिंदी सिखाना शुरू किया क्योकि बिजनेस में तो नही लेकिन बाज़ार में खरीदारी करने के लिए उन्हें हिंदी आनी जरूरी थी। पल्लवी अब तक सैकड़ो विदेशियों और सेलिब्रिटीज़ को हिंदी सिखा चुकी हैं जैसे विलियम डेलरिम्पल, बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस, लीसा रे, नटालिया डि लुसिओ और लुसिंडा निकोलस आदि।
पल्लवी बताती हैं कि उनका सफ़र बहुत मुश्किलों भरा रहा। पहले इंजीनियरिंग और फिर साइकोलॉजी करने के बाद उनके परिवार वाले नही चाहते थे कि वो हिंदी सिखाने जैसा काम करें। अब पल्लवी अपने काम से बहुत संतुष्ट हैं और अपने काम को निखारने के लिए और मेहनत करती हैं। जब लोगों को उनके बारे में पूरा पता चलता है तो वे हैरान हो जाते हैं।
पल्लवी की कहानी से पता चलता है कि कोई भी काम बड़ा या छोटा नही होता है। बस मायने यह रखता है कि आप उस काम को कैसे देखते हैं और कैसे करते हैं। अगर सपने बड़े हों और उन में मेहनत के पर लगे हों तो आप हर ऊँचाई को पार कर सकते हैं, फिर चाहे आपका क्षेत्र कोई भी हो।