नई दिल्ली। बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली यानी उंगा में अपना भाषण दिया। पीएम नवाज ने खुद को आतंकवाद का पीड़ित बताकर पाक में आतंकवाद के लिए भारत को ही दोष दे डाला। यूएन में भारत की ओर से एक ऐसा नाम मौजूद था जिसने पाक को दुनिया के सामने आईना दिखाने का काम किया।
राइट टू रिप्लाई में उड़ाई पाक की धज्जियां
एनम गंभीर, यह वह नाम है जिसने यूएन में पाक को छोटा मगर तगड़ा जवाब देकर पीएम नवाज शरीफ को असलियत बताने की कोशिश की। गंभीर ने ‘राइट टू रिप्लाई’ का प्रयोग किया और फिर पाक को खरी-खरी सुनाई।
उनके जवाब के बाद हर तरफ बस गंभीर की ही चर्चाएं हो रही हैं। खास बात रही कि नवाज के भाषण के सिर्फ पांच घंटे बाद ही एनम ने भारत की ओर से जवाब दिया।
कैसे की शुरुआत
एनम ने अपने जवाब की शुरुआत में कहा, ‘आज भारत और उसके पड़ोसी देश जिन हालातों का सामना कर रहे हैं, उसकी वजह पाकिस्तान से लंबे समय से आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीतियां हैं। इसका नतीजा आतंकवाद है जो इस क्षेत्र में हर तरफ नजर आता है।’
एनम ने अपने जवाब की शुरुआत में कहा, ‘आज भारत और उसके पड़ोसी देश जिन हालातों का सामना कर रहे हैं, उसकी वजह पाकिस्तान से लंबे समय से आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीतियां हैं। इसका नतीजा आतंकवाद है जो इस क्षेत्र में हर तरफ नजर आता है।’
एनम ने अपने जवाब में 9/11 का भी जिक्र किया और कहा कि यह इतिहास का सबसे बुरा आतंकी हमला था, जिसका बदला अमेरिका ने एबट्टाबाद में ओसामा बिन लादेन को मारकर पूरा किया।
पाक को याद दिलाया एबट्टाबाद
एनम के शब्दों में, ‘दुनिया आज तक हीं भूला पाई है कि पाकिस्तान के एबट्टाबाद में कैसे लादेन का पता लगाया गया था।’ एनम ने पीएम नवाज की स्पीच को ‘पाखंडी’ करार दिया। गंभीर ने उरी आतंकी हमले का भी जिक्र किया जिसमें 18 जवान शहीद हुए थे और जिसका जिक्र शरीफ ने अपने भाषण में नहीं किया था।
एनम के शब्दों में, ‘दुनिया आज तक हीं भूला पाई है कि पाकिस्तान के एबट्टाबाद में कैसे लादेन का पता लगाया गया था।’ एनम ने पीएम नवाज की स्पीच को ‘पाखंडी’ करार दिया। गंभीर ने उरी आतंकी हमले का भी जिक्र किया जिसमें 18 जवान शहीद हुए थे और जिसका जिक्र शरीफ ने अपने भाषण में नहीं किया था।
कौन हैं एनम
~एनम गंभीर विदेश मंत्रालय के लिए काम करती हैं।
~उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ जेनेवा से पढ़ाई की है।
~एनम वर्ष 2005 के बैच की आईएफएस ऑफिसर हैं।
~एनम के पास पाक सेे जुड़े मुद्दोंं पर काम करने का भी अनुभव है।
~वह विदेश मंत्रालय की पाक डेस्क पर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं।
~इसके बाद वह न्यूयॉर्क पहुंचींं।
~एनम दिल्ली की रहने वाली हैं और पूर्व में अर्जेंटीना में भी कार्यरत रह चुुकी हैं।
~एनम गंभीर विदेश मंत्रालय के लिए काम करती हैं।
~उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ जेनेवा से पढ़ाई की है।
~एनम वर्ष 2005 के बैच की आईएफएस ऑफिसर हैं।
~एनम के पास पाक सेे जुड़े मुद्दोंं पर काम करने का भी अनुभव है।
~वह विदेश मंत्रालय की पाक डेस्क पर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं।
~इसके बाद वह न्यूयॉर्क पहुंचींं।
~एनम दिल्ली की रहने वाली हैं और पूर्व में अर्जेंटीना में भी कार्यरत रह चुुकी हैं।