भारत पुरे विश्व में अपनी संस्कृति के कारण प्रसिद्ध है | इसी कारण पूरी दुनिया में कई देशो में हिन्दू धर्म को बहुत माना जाता है पहले हिन्दू धर्म को पिछड़ा हुआ समझा जाता था परन्तु जब से हिन्दू धर्म पर कई शोध हुए है तब से माना जाता है की हिन्दू धर्म वाकई में एक सनातन धर्म है | हिन्दू धर्म की इसी संस्कृति के कारण कई देशो में हिन्दू मंदिर भी स्थापित किये गये है | हिन्दू धर्म के बने मंदिरों पर हुए एक शोध से यह साबित हुआ है की यहाँ जाने से व्यक्ति को मानसिक रूप से तो बहुत लाभ होते ही है मगर शारीरिक रूप से भी बहुत लाभ होते है | शोध से यह साबित हुआ है की मंदिर जाने से व्यक्ति को कई बीमारियाँ नही होती है तथा और भी बहुत कुछ लाभ होते है आईये जानते है इनके बारे में ……..

हाई BP कंट्रोल करने के लिए
मंदिर के अंदर नंगे पैर जाने से यहां प उपस्थित पॉजिटिव वाइब्रेशन हमारे शरीर में जाती है। नंगे पैर चलने के कारण पैरों में मौजूद प्रेशर प्वाइंट्स पर दवाब भी पड़ता है, जिससे हाई BP को कंट्रोल किया जा सकता है |
एकाग्रता बढती है
रोज़ मंदिर जाने और मस्तक के आभा चक्र पर माथे पर तिलक लगाने से हमारे ब्रेन के ख़ास हिस्से पर दवाब पड़ता है। इससे एकाग्रता बढाती है ।

एनर्जी लेवल बढ़ाने के लिए
शोध के अनुसार , जब भी हम मंदिर का घंटा बजाते हैं, तो 7 सेकण्ड्स तक हमारे कानों में उसकी आवाज़ गूंजती रहती है। इस दौरान बॉडी में सुकून पहुंचाने वाले 7 प्वाइंट्स भी एक्टिव हो जाते हैं। इससे एनर्जी लेवल बढ़ता है |
इम्युनिटी बढ़ाने के लिए
मंदिर में दोनों हाथ जोड़कर पूजा करने से हथेलियों और उंगलियों के उन प्वॉइंटस पर दवाब बढ़ता है, जो बॉडी के कई पार्ट्स से आपस में जुड़े होते हैं। इससे बॉडी फंक्शन सुधरते हैं और इम्युनिटी बढ़ती है।

बैक्टीरिया से बचाव के लिए
मंदिर में मौजूद कपूर और हवन का धुआं बैक्टीरिया को पूरी तरह ख़त्म कर देता है। इससे वायरल इंफेक्शन का खतरा टलता है।
स्ट्रेस दूर करने के लिए
मंदिर का शांत माहौल और शंख की आवाज़ मेंटली रिलैक्स करती है। इससे स्ट्रेस दूर भागता है।

डिप्रेशन दूर होता है
रोज़ मंदिर जाने और भगवान की आरती गाने से ब्रेन फंक्शन सुधरते हैं। इससे डिप्रेशन दूर होता है।
मानसिक शांति के लिए
मंदिर में बहुत अधिक मात्रा में पॉजिटिव वाइब्रेशन होती है जो हमें मानसिक रूप से शांति देती है जो हम वहां जाकर महसूस कर सकते है |
आजकल के कई नौजवान भाई मंदिर जाने से कतराते है तो भाइयो अब तो विज्ञान ने भी मान लिया ,भगवान केलिए ना सही कम से कम अपने स्वास्थ्य के लिए तो अब मंदिर जाया करना