इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 21 सितंबर से है जो 29 सितंबर तक चलेगी। नवरात्र के दिनों में माता की पूजा करना विशेष फलदायी होती है। नौ दिनों तक चलने वाली इस पूजा में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि माता नवरात्रि के दिनों में पृथ्वी पर रहने के लिए आ जाती है। इन दिनों मां की पूजा करने वाले भक्तों की मनोकामना जरूर पूरी होती है, इसलिए नवरात्रि शुरू होने से पहले कुछ विशेष तैयारी कर लेने चाहिए ताकि माता आपके घर में आएं और सुख समृद्धि लाएं।
माता के आगमन की तैयारी को लेकर वास्तु विज्ञान में कुछ नियम बताए गए हैं। इनके अनुसार हर दिशा के अपने खास देवी-देवता होते हैं, इसलिए विभिन्न देवी-देवताओं के क्षेत्र के लिए जो दिशा निर्धारित हो, उनकी पूजा उसी दिशा में होनी चाहिए इससे पूजा पूर्ण फलदायी होती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता का क्षेत्र दक्षिण दिशा है, इसलिए यह बेहद जरूरी है कि माता की पूजा करते समय हमारा मुख दक्षिण या पूर्व दिशा में ही रहे। पूर्व दिशा की ओर मुख करके मां का ध्यान पूजन करने से हमारी चेतना जागृत होती है जबकि दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पूजन करने से मानसिक शांति मिलती है और हमारा सीधा जुड़ाव माता से होता है।
माता के कमरे में हल्के पीला, हरा या फिर गुलाबी रंग होना वास्तु के अनुसार शुभ फलदायी होता है क्योंकि इससे पूजा कक्ष में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
कई बार पूजा करते समय अचानक ही ध्यान भटकने लगता है। इस समस्या से बचने के लिए घर के उत्तर-पूर्व दिशा में प्लास्टिक या लकड़ी से बने पिरामिड रख सकते हैं। पिरामिड रखते समय इस बात का ध्यान रखें कि पिरामिड नीचे से खोखला हो।
वास्तुशास्त्र के प्राचीन ग्रंथों में मंदिरों और घरों में किसी भी शुभ काम को करने से पूर्व हल्दी से या फिर सिंदूर से स्वातिस्क का प्रतीक चिन्ह बनाए जाने का नियम है। इसलिए पूजन शुरु करने से पहले स्वास्तिक जरूर बनाएं।
Title: Make these preparations before Navaratri, Mother Durga will fulfill your every wish