महाभारत युद्ध शुरू होने से पहले की बात हैं, जब हस्तिनापुर के दूत संजय पांडवों का सन्देश लेकर आये थे और अगले दिन सभा में उनका सन्देश सुनाने वाले थे।

उसी रात महाराज धृतराष्ट्र बहुत व्याकुल थे और उन्हें नींद नहीं आ रही थी, तब उन्होंने महामंत्री विदुर को बुलवाया। कुछ समय पश्चात महामंत्री विदुर राज महल में महाराज के सामने पहुंच गए।
धृतराष्ट्र ने विदुर से अपने व्याकुल मन की व्यथा बताई और कहा कि जब से संजय पांडवों के यहां से लौटकर आया है, तब से मेरा मन बहुत अशांत है। संजय कल सभा में सभी के सामने क्या कहेगा, यह सोच- सोचकर मन व्यथित हो रहा है और नींद नहीं आ रही है।
यह सुनकर विदुर ने महाराज से महत्वपूर्ण नीतियों की बात कही और कहा कि जब किसी व्यक्ति चाहे वह स्त्री हो या पुरुष दोनों के जीवन में ये चार बातें होती हैं, तब उसकी नींद उड़ जाती है और मन अशांत हो जाता है। ये चार बातें कौन-कौन सी हैं, आईये जानते हैं :
पहली बात- विदुर ने धृतराष्ट्र से कहा कि यदि किसी व्यक्ति के मन में कामभाव जाग गया हो तो उसकी नींदें उड़ जाती है और जब तक उस व्यक्ति की काम भावना तृप्त नहीं हो जाती तब तक वह सो नहीं सकता है। कामभावना व्यक्ति के मन को अशांत कर देती है और कामी व्यक्ति किसी भी कार्य को ठीक से नहीं कर पाता है। यह भावना स्त्री और पुरुष दोनों की नींद उड़ा देती है।
दूसरी बात- जब किसी स्त्री या पुरुष की शत्रुता उससे अधिक बलवान व्यक्ति से हो जाती है तो भी उसकी नींद उड़ जाती है। निर्बल और साधनहीन व्यक्ति हर पल बलवान शत्रु से बचने के उपाय सोचता रहता है क्यूंकि उसे हमेशा यह भय सताता है कि कहीं बलवान शत्रु की वजह से कोई अनहोनी न हो जाए।
तीसरी बात- यदि किसी व्यक्ति का सब कुछ छीन लिया गया हो तो उसकी रातों की नींद उड़ जाती है। ऐसा इंसान न तो चैन से जी पाता है और ना ही सो पाता है। इस परिस्थिति में व्यक्ति हर पल छीनी हुई वस्तुओं को पुन: पाने की योजनाएं बनाता रहता है और जब तक वह अपनी वस्तुएं पुन: पा नहीं लेता है, तब तक उसे नींद नहीं आती है।
चौथी बात- यदि किसी व्यक्ति की प्रवृत्ति चोरी की है या जो चोरी करके ही अपने उदर की पूर्ति करता है, जिसे चोरी करने की आदत पड़ गई है, जो दूसरों का धन चुराने की योजनाएं बनाते रहता है, उसे भी नींद नहीं आती है। चोर हमेशा रात में चोरी करता है और दिन में इस बात से डरता है कि कहीं उसकी चोरी पकड़ी ना जाए। इस वजह से उसकी नींद भी उड़ी रहती है।
ये चारों बातें व्यवहारिक और हर युग में सटीक मालूम पड़ती हैं, उम्मीद करते हैं कि महात्मा विदुर की बातों से आप भी अपनी सीख लेंगे और दूसरों को भी प्रेरित करेंगे।