कई बार हमारे मन में यह सवाल उठता ही है कि आखिर हमारे सांसदों को कितना वेतन भत्ता मिलता है और उनको किस-किस तरह की सुविधाएं मिलती हैं | भारत उन बहुत कम देशों में से है जहां सांसदों ने अपनी सैलरी और भत्ते तय करने का अधिकार खुद को दे ही रखा है | ‘इंफोचेंजइंडिया’ के के अनुसार , हमारे सांसद देश की औसत आय से 68 गुना अधिक वेतन और भत्ते प्राप्त करते है और इसके अलावा दुनिया के बस कुछ देशो की तरह ही, उन्हें निजी व्यापार से खूब दौलत कमाने की सुविधा भी भारत में मिली हुई है | आइये जानते है की आप के सांसद को महीने का कितना वेतन भत्ता और क्या क्या सुविधाये मिलती है….
1 . वेतन और भत्ता
सभी सांसदों को उसका वेतन और भत्ता ‘मेंबर ऑफ पार्लियामेंट एक्ट’ 1954 सैलरी, अलाउंस और पेंशन के तहत दिया जाता है।
इसके नियम कायदे बदलते रहते है , अभी के हिसाब से आपको बताते है की कैसे चलता है यह घोरख धंधा …
मासिक वेतन :
लोकसभा और राज्यसभा दोनों के हर एक सदस्य को हर महीने 50,000 सैलरी मिलती है।
दैनिक भत्ता :
हर सांसद को प्रतिदिन 2,000 रुपये का भुगतान किया जाता हैं।
संवैधानिक भत्ता :
इस भत्ते पर सांसदों को प्रति महीने 45,000 रुपये मिलते है।
कार्यालय व्यय भत्ता :
इस नाम पर एक सांसद को 45000 रुपए हर महीने मिलते है। इसमें से वह 15 हजार रुपए स्टेशनरी और पोस्ट आइटम्स और अपने सहायक रखने पर सांसद 30 हजार रुपए खर्च कर सकता है।
2 . यात्रा भत्ता और यात्रा सुविधाएं
कभी किसी पार्लियामेंट सेशन, मीटिंग या इस ड्यूटी से जुड़ी किसी बिजनेस मीटिंग को अटैंड करने के लिए सांसद को कहीं बाहर जाना होता है तो इसके लिए उन्हें यात्रा भत्ता भी दिया जाता है।
रेल यात्रा : हर महीने के आधार पर एक फ्री नॉन-ट्रांसफेयरेबल फर्स्ट क्लास एसी या किसी भी एक्जेक्यूटिव क्लास का ट्रेन पास और एक फर्स्ट क्लास और एक सेकेंड क्लास का किराया भी इन्हें मुफ्त में दिया जाता है।
हवाई यात्रा : हवाई यात्रा का इन्हे 25 प्रतिशत ही देना पड़ता है और इस भरी छूट के साथ एक सांसद सालभर में 34 हवाई यात्राएं कर सकता है। यह सुविधा सांसद के पति/पत्नी दोनों के लिए समान है।
बाय रोड यात्रा : अपनी या सरकार की गाड़ी से कहीं की भी यात्रा करने पर 16 रुपये प्रति किमी के हिसाब से यात्रा भत्ता इन सांसदों को मिलता है।
3 . टेलीफोन संबंधी सुविधाएं
प्रत्येक सांसद को तीन फोन रखने का अधिकार है। इनमें से एक फोन सांसद के घर पर जरूर होगा। दूसरा इनके दिल्ली ऑफिस में और तीसरा खुद सांसद की चुनी हुई जगह या इनके दूसरे आवास पर। तीनों का खर्चा सरकार वहन करती है। इन फोन में से हर एक से एक साल में कुल 50,000 लोकल कॉल करने की पूर्ण आजादी है। इसके अलावा हर सदस्य को एक MTNL का मोबाइल कनेक्शन भी मिलता है। इसी के साथ एक और मोबाइल इन्हें मिलता है। ये MTNL या किसी भी प्राइवेट कंपनी का हो सकता है। MTNL या BSNL की ओर से सदस्य को 3G सुविधा का भी विकल्प मिलता है।
4 . पानी और बिजली
प्रति वर्ष 4000 किलोलीटर पानी और 50,000 यूनिट बिजली सप्लाई सांसद के कोटे में बिल्कुल मुफ्त होती है। इनको ये सुविधा इनके सरकारी निवास या निजी भवन में भी मिलती है। ऐसे में अगर इतनी बिजली और पानी की इतनी मात्रा का इस्तेमाल वह एक साल में नहीं कर पाते तो वह उन्हें अगले साल के कोटे में जुड़कर मिल जाती है।
5 . स्वास्थ्य संबंधी सुविधा
सेंट्रल गर्वनमेंट हेल्थ स्कीम के तहत सेंट्रल सिविल सर्विसेज के क्लास-1 ऑफीसर को जो स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं मिलती हैं वह सभी सांसदों को भी मिलती है
6 . वाहन खरीद के लिए खर्च
हर सांसद को कोई भी वाहन खरीदने के लिए सरकार की ओर से 4,00,000 रुपये का भुगतान किया जाता है, लेकिन इस रकम को सदस्य को हर महीने के वेतन से इंस्टॉलमेंट के तौर पर चुकाना होगा। वह चाहें तो इसको पांच साल में चुका सकते हैं या उससे पहले ही ज्यादा किश्तों के साथ चुका सकते हैं और इस पर कोई भी ब्याज भी नही लगता है
7 . इनकम टैक्स सुविधा
इनके इनकम टैक्स भरने की तो भाई बात ही मत करो , ‘अन्य स्रोतों से आय’ के तहत इनको अपने वेतन और भत्ते पर किसी भी तरह का कोई टैक्स नहीं भरना पड़ता । कुल मिलाकर इनका दैनिक भत्ता और निर्वाचन क्षेत्र भत्ता पूरी तरह आयकर से मुक्त है, है ना मज़े की बात |
8 . आवासीय भत्ता
लोकसभा चुनाव में चुने जाने के तुरंत बाद नवनिर्वाचित सांसद के लिए नई दिल्ली में स्टेट गर्वनमेंट के गेस्ट हाउस, होटल या भवन में रहने की व्यवस्था की जाती है। यहां इनको सभी तरह की सुविधाएं सरकार की ओर से दिलवाई जाती हैं। इसके बाद किसी भी फ्लैट, हॉस्टल या बंगले में इनके सपरिवार रहने की व्यवस्था कराई जाती है। इस जगह का किराया भी सरकार की ओर से मिलने वाले भत्ते के अंतर्गत आता है।