मशहूर पंजाबी गायक लाभ जंजुआ क्यों चिड़ते थे बॉलीवुड इंडस्ट्री से?
इस में कोई दो राय नहीं है की लाभ के गानों ने लोगो के दिलों पर राज किया. लेकिन बॉलीवुड से इतना प्यार मिलने के बावजूद भी लाभ जंजुआ बॉलीवुड से खुश नहीं थे.
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1. फिल्म ‘सत्या’ में आशा भोंसले और सुरेश वाडेकर द्वारा गाने का अर्थ गलत :
लाभ कहते हैं कि नए गीतकारों को भाषा का ज्ञान नहीं होता है और ज्ञान के अभाव में गलत गाने लिख देते हैं जिनसे बेढंगा अर्थ बन जाता है. जैसे ‘सत्या’ फिल्म में एक गाना हैं जिसके बोल हैं ‘कुड़ी मेरी सपने में मिलती है’ जिसका अर्थ है ‘मेरी बेटी मुझे सपने में मिलती है.’ इस तरह से तो गाने का अर्थ गलत हो जाता है. इतने बड़े स्तर पर इतने बड़े गायकों द्वारा गलती बॉलीवुड कैसे हो गयी ? ‘कुड़ी मेनू सपने में मिलती है,’ गाया जाता तो सही होता.
2. ‘खूबसूरत’ फिल्म का बेमतलब पंजाबी गाना :
एक अन्य उदाहरण देते हुए लाभ ने ‘ख़ूबसूरत’ फिल्म के बारे में बताया. ‘फट्टे तक नाचेंगे’ का कोई अर्थ नहीं होता है. पंजाब में अक्सर ‘चक दे फट्टे’ वाक्य का उपयोग किया जाता है. उसी को तोड़-मरोड़ कर बेमतलब के बोल लिखना बहुत ही अटपटा लगता है. गीतकारों को भाषा का ज्ञान न होने के बावजूद भी बेमतलब गाने लिख देते हैं.
3. अवार्ड वितरण में पारदर्शिता का अभाव :
अवार्ड की बात चलने पर लाभ जंजुआ ने राज महाजन बताया कि अवार्ड फंक्शन में लोग पहले से ही सेटिंग कर लेते हैं कि अवार्ड किसको मिलना चाहिए, जिसमे कोई पारदर्शिता नहीं होती है. इसलिए, लाभ अवार्ड फंक्शन में नहीं जाते है. वो अवार्ड पहले से किसी और को दे रखा होता है. वहां जाकर भूखे-प्यासे बैठ कर कोई फायदा नहीं होता है.
4. बिकने वाला अवार्ड मुझे नहीं चाहिए :
अवार्ड फंक्शन में गाने तो लाभ जंजुआ के चलते हैं और लोग अवार्ड फंक्शन में डांस भी लाभ के गानों करते हैं लेकिन जब अवार्ड की बारी आती है तो अवार्ड दुसरे गानों को मिल जाता है. लाभ कहते हैं कि बिकने वाला अवार्ड मुझे नहीं चाहिए. इस बात कर राज महाजन ने भी समर्थन किया की अवार्डों की बिक्री बंद होनी चाहिए.
5. नए टैलेंट के साथ भेदभाव :
अन्य गायकों की तरह लाभ को भी इंडस्ट्री में बहुत स्ट्रगल करना पडा. लाभ ने बताया कि लोग दरवाजे बंद कर लेते थे और बोलते थे कि आप तो नए हैं. जो नाम वाले आर्टिस्ट थे वो स्टूडियो में अन्दर बैठे रहते थे, और निर्माता-निर्देशक बाहर से टालमटोल करते थे.
6. इंग्लैंड की कंपनी द्वारा अरबों रूपए की धोखाधड़ी :
इसके अलावा, लाभ ने इंग्लैंड की MNC कंपनी द्वारा अपने साथ हुई धोखाधड़ी के बारे में राज महाजन को बताया. उन्होंने कहा कि उनका गाना मुंडेया तो बच के रही एक अकेला ऐसा गाना है जोकि पुरे ग्लोब में चला और दुनिया के देश हर देश में बजाया गया. कंपनी ने उनके साथ अग्रीमेंट करके उनके हिस्से की इस गाने से होने वाली अरबों रूपए की रॉयल्टी खा गए.
7. म्युज़िक डायरेक्टर्स को नहीं है ज्ञान संगीत का :
लाभ ने यह भी बताया कि आजकल के म्युज़िक डायरेक्टर्स को संगीत का बिलकुल भी ज्ञान नहीं है. वो लोग अपने अरेंजरों से म्युज़िक बनवाते हैं और और अपने नाम का ठप्पा लगा देते हैं.
8. माँ के अलावा किसी का नहीं मिला प्यार :
लाभ की माँ ने कभी भी लाभ को नाम से न पुकारकर ‘हीरा’ कह कर पुकारा. लाभ को माँ के अलावा किसी और से प्यार नहीं मिला. लाभ ने राज को अपने पिता, भाई, बहन आदि के साथ अपने कड़वे संबंधो के बारे में भी बताया. संगीत के संस्कार लाभ को अपने दादा से विरासत में मिले हैं.
9. वल्गर गाने :
लाभ ने कहा की गाने ऐसे होने चाहिए जब यह टीवी पर आयें तो हमें मुंह न चुराना पड़े बल्कि परिवार की सभी लोग इकट्ठे बैठ कर गाने देख सकें.
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