क्या है भारतीय नोटों पर सीरियल नंबर का फॉर्मेट, कैसे करते है इसे डिसाइड – जाने छिपी हुई जानकारियां…
भारतीय करंसी को खास तरीके से डिजाइन किया जाता है। नोटों पर छपी हर बात के कुछ मतलब और कारण होते हैं। उदाहरण के लिए, नोटों पर जो सीरियल नंबर लिखा होता है, वह एक विशेष कोड होता है। नोटों पर ये सीरियल नंबर कई तरीके के होते हैं, और हर नोट का सीरियल नंबर अलग-अलग होता है।
1. क्यों होती है सीरियल नंबर की जरूरत
नोटों पर सीरियल नंबर अंकित करने से आरबीआई को पता रहता है कि इस समय कितनी करंसी मार्केट में है। RBI को पता होता है कि कितने नोट किस साल चलन से बाहर या बेकार हो रहे हैं। यही सीरियल नंबर आरबीआई के लिए करंसी ट्रैकर का काम करता है।
2. करंसी पर अंकों की सीरीज के लिए ये मैथड होता है अप्लाई
दरअसल, किसी भी नोट पर अंक और अल्फाबेट की एक खास सीरीज होती है। आमतौर पर अंकों की सीरीज का रंग लाल होता है। किसी भी नोट पर छपे सीरियल नंबर में तीन चीजें होती हैं।
पहलाः प्रीफिक्स
दूसराः नंबर (सीरियल नंबर)
तीसराः इनसेट
3.अब इसे समझिएः
4. अब समझिए किस नोट पर होती है कौन सी सीरीज…
पांच, दस और बीस (5, 10 और 20) के नोट पर प्रीफिक्स में पहले दो शब्द न्यूमेरिक होते हैं और तीसरा अल्फाबेट। इन नोटों की सीरीज 000001 से1000000 तक होती है।
5. ये अल्फाबेट होते हैं इस्तेमाल
करंसी नोटों पर 26 में से सिर्फ 20 अल्फाबेट ही इस्तेमाल होते हैं। दरअसल, भारतीय करंसी पर प्रीफिक्स में आई (I), जे (J),ओ (O), एक्स (X), वाई (Y) और जेड (Z) का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। चूंकि आई न्यूमेरिक एक के साथ, ओ, जीरो के साथ और जे आदि कन्फ्यूज करते हैं। इसलिए प्रीफिक्स में इन्हें शामिल नहीं किया जाता है।
इनसेट में हमेशा अल्फाबेट का ही इस्तेमाल किया जाता है।
आई (I), जे (J), ओ (O), एक्स (X), वाई (Y) और जेड(Z) को छोड़कर बाकी 20 अल्फाबेट इस्तेमाल किए जाते हैं। हालांकि, अभी तक सभी अल्फाबेट इस्तेमाल नहीं किए जा सके हैं। एक बात और,इनसेट में कौन सा अल्फाबेट इस्तेमाल होगा, इसका अधिकार नोट छापने वाली प्रिटिंग प्रेस तय करती है। क्योंकि सीरीज जब तक पूरी नहीं हो जाती, उसी इनसेट का इस्तेमाल होता रहता है।
नोटः सिक्युरिटी रीजन के कारण यहां दी गई जानकारी को आरबीआई किसी भी तरीके से कन्फर्म नहीं करता है।
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