हमारे देश में सेक्स के बारे में खुल कर बात नहीं हो पाती है, कारण ये है कि हमारी सामाजिक मर्यादाएं, परंपरा और रूढ़िवादी नैतिकता इसकी इजाज़त नहीं देती। ये बातें कई बार दकियानूसी लगती हैं क्योंकि प्राचीन भारत में ही कामसूत्र नाम का प्रेमशास्त्र वात्सायन ने लिखा था, जिसके चर्चे दुनिया में हर तरफ होते हैं।
खजुराहो के मंदिरों में कामोत्तेजक मूर्तियां और चित्रकारी यही बताती है कि एक समय में भारतीय संस्कारों और धारणाओं में सेक्स का महत्वपूर्ण स्थान था। खैर, हम आपको कामसूत्र की कुछ ऐसी पोसिशन्स दिखाते हैं, जिनकी कल्पना वात्सायन ने न जाने कैसे की होगी।

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