एशिया का खूबसूरत आइलैंड – जानिए मालदीव से जुड़ी खास बातें
रोजाना की बोरिंग रूटीन और काम के प्रैशर से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा तरीका है वेकेशन्स। घूमने के लिए ऐसी जगह हो, जहां आपको स्कून के साथ-साथ प्राकृतिक और कृत्रिम नजारे दोनों ही देखने को मिलें। ऐसे टूर से माइंड फ्रैश ही नहीं बल्कि शार्प भी होता है। इससे हमें उस जगह के बारे में हैंड-टू-हैंड नोलेज मिलती है।
अगर आप भी ऐसी तनावी माहौल से बाहर निकलना चाहते हैं तो घूमे-फिरे और टेंशन फ्री रहें। इससे आपका मन और तन दोनों ही फ्रैश फील करेंगे और आप दोबारा अपने काम को फुल इंजॉय के साथ करेंगे।
-हिंद महासागर में सैकड़ों द्वीपों और 26 प्रवाल द्वीपों की मदद से बना मालदीव एक ट्रॉपिकल नैशन है जो खूबसूरत बीचों, ब्लू लैगून्स और विशाल मालदीव रिफ्स (समुद्री पौधे) के लिए काफी जाना जाता है। पीने की सतह के नीचे बनें इन प्रवाल द्वीपों (atolls) की खूबसूरती अपनी ओर आकर्षित करती हैं। यह एशिया के सबसे खूबसूरत आइलैंडों में एक हैं। यहां के लोग धिवेही (Dhivehi) भाषा बोलते हैं।
-मालदीव की राजधानी माले (Malé) हैं। यहां मजीदी मागु (Majeedhee Magu) जगह व्यस्त मछली मार्कीट, लक्जरी रिसॉर्ट, रेस्टोरेंट्स और एक्सेसरीज दुकानों के लिए प्रसिद्ध हैं। नीले समुद्री पानी के किनारों पर बहुत ही शानदार रेस्टोरेंट्स और होटल्स बने हुए हैं।
-यहां मालदीव की सबसे पुरानी हुकुरु मिस्की नाम की मस्जिद (Hukuru Miskiy) है जो कोरल स्टोन से बनी हुई है। काफू एटोल पर बनी इस मस्जिद को Friday Mosque भी कहते हैं।
-मालदीव के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास मूली-आगे (Muliaage) था, जिसे मूली-आगे पैलेस कहा जाता है। यह माले की ऐतिहासिक केन्द्र मेधू ज़ियारै, फ्राइडे मोस्क और मुन्नारु के नजदीक स्थित है।
-11 नवंबर, 1952 को मालदीव के राष्ट्रीय दिवस वाले दिन नैशनल म्यूजिम की स्थापना की गई। उस समय मालदीव के प्रधानमंत्री मोहम्मद अमीन दीदी थे।
-मालदीव की राजधानी में गगनचुंबी इमारतें और संकीर्ण गलियां बनाई गई है। यहां आने वाले टूरिस्ट यहां के स्पैशल लोक्ल ताजे व्यंजनों, धोनी लकड़ी की नक्काशी, शिप में जलयात्रा का जमकर मजा लेते हैं।
-इस्लामिक सैंटर मालदीव कैपिटल (माले) की एक आर्किटेक्चरल लैंडमार्क है, जिसे राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम द्वारा नवंबर 1984 में खोला गया।
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