हिन्दू धर्म को सनातन धर्म भी कहते है , इसमें कई ऐसी बाते भी है जो काफी रहस्य पूर्ण है | कुछ चीजे जो की वैज्ञानिक रूप से स्पष्ट हो चुकी उनसे पता चलता है की हिन्दू धर्म वाकई विज्ञान के साथ साथ चलता है | हिन्दू धर्म में कई चीजे मानी जाती उनमे से एक है अंक 108 | हिन्दू धर्म में अंक 108 को बहुत महत्त्व दिया गया है यह अंक हिन्दू धर्म में बहुत अहमियत रखता है | हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र मानी जाने वाली रुद्राक्ष की माला में भी 108 मनके ही होते है तथा हिन्दू धर्म में सभी मंत्रो का जाप भी 108 बार करना ही श्रेष्ट माना जाता है |

ऐसे ही ब्बहुत से उदाहरण है जो इस अंक की महत्वता हो दर्शाते है । जिस तरह से हिंदू धर्म में 3 के अंक को अशुभ माना जाता, उसी तरह से इसके ठीक उलट 108 के अंक को बेहद शुभ भी माना जाता है। वैसे गौर करें तो 108 अंक की महत्ता सिर्फ हिंदू धर्म में नहीं है, बल्कि इसको कई अन्य धर्मा में भी उतना ही पवित्र माना जाता है। उदाहरण के तौर पर कई एशियाई धर्मों में इस अंक की महत्ता है। जैसे बौद्ध, जैन आदि। इसके इतर योग में भी इस अंक को खास जगह दी जाती है।

गौर करें तो मुख्य शिवांगों की संख्या 108 होती है। यही कारण है कि सभी शैव संप्रदाय, खासकर लिंगायत संप्रदाय में रुद्राक्ष की माला में 108 मनकों का जाप होता है। इतना ही नहीं रोज सुबह वे शिव के अष्टशतनामवली का भी जाप करते हैं। गौड़ीय वैष्णव धर्म में तो वृंदावन में भी 108 गोपियों का ही जिक्र है। इसको अहमियत देते हुए 108 मनकों पर सभी गोपियों के नामों का जाप किया जाए, तो इसको बेहद पवित्र माना जाता है इस पवित्र जाप को ‘नामजाप’ के नाम से जाना जाता हैं। इसके इतर श्रीवैष्णव धर्म में भगवान विष्णु के 108 दिव्य क्षेत्रों को बताया गया है। इन्हें ‘108 दिव्यदेशम’ कहा जाता है।

हिंदू धर्म से जुड़े कम्बोडिया के अंगकोरवाट मंदिर की प्रख्यात नक्काशी में समुद्र मंथन की घटना का जिक्र किया गया है। इस समुद्र मंथन में मंदार पर्वत पर बंधे वासुकि नाग को देवता और राक्षसों ने अपनी-अपनी ओर खींचा था। इनमें 54 देव और 54 राक्षस, कुल 108 लोग ही शामिल थे यानि की हिन्दू धर्म मेंयह अंक बहुत महत्व का है और शायद इसके पीछे भी कोई ख़ास वैज्ञानिक वजह होगी |