हमीरपुर जिले के बदनपुर गांव की फूलमती बुंदेलखंड की धरती पर वह कर रही हैं, जिसे देखकर पुरुष भी दांतों तले उंगली दबा लेते हैं। इतनी पढ़ी लिखी तो हैं नहीं कि पायलट बन सकें, लेकिन ऊपर वाले ने बाजुओं में वो ताकत जरूर दी है कि अपने पौरुष से सम्मानपूर्वक परिवार का पालन-पोषण कर सकें। पति नशेबाज व अकर्मण्य निकला तो वह प्रतिदिन हमीरपुर से बदनपुर के बीच रिक्शा चलाकर सवारियां ढोती हैं।
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shared by Dal Chand Menaria
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