भारतीय सभ्यता को आज दुनिया मान चुकी है, इसका कारण मात्र यह है की हमारे सारे तीज त्यौहार वैज्ञानिक रूपों से सिद्ध हो चुके है, पुरे विश्व में भारत की अलग ही छाप सी बन चुकी है और हमारी संस्कृत और हिंदी भाषा को बहुत ही आदर दिया जाने लगा है | इसका स्पष्ट उदाहरण गुरु पूर्णिमा के पर्व पर NASA ने चाँद की तस्वीरे साझा कर स्पष्ट की है |भारतीय हिन्दू पंचांग के अनुसार गुरु पूर्णिमा अपने साथ ग्रीष्मकाल का अंत और सावन के प्रारम्भ का संदेश ले कर आती है, गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा को कहा जाता है। इस दिन गोवर्धन पर्वत की लाखों श्रद्धालु परिक्रमा करते है | बंगाली साधु सिर मुंडाकर परिक्रमा करते हैं, क्योंकि आज के दिन सनातन गोस्वामी का तिरोभाव हुआ था। ब्रज में इस पर्व को ‘मुड़िया पूनों’ भी कहा जाता है।
आज का दिन गुरु–पूजा का दिन होता है। इस दिन गुरु की पूजा की जाती है। भारत में इस दिन लोग पवित्र नदियों में नहा कर खुद को गुरु के चरणों में अर्पित कर रहे हैं,कुछ लोग इसे ब्रम्हा जी का जन्मदिन भी मानते है इस कारण इस दिन की महत्वता और पवित्रता और बढ़ जाती है पूरे भारत में यह पर्व बड़ी श्रद्धा और भाव के साथ मनाया जाता है।
Full moon this weekend – called Guru Purnima, Hay Moon, Mead Moon, Ripe Corn Moon, Buck Moon, or our favorite, ⛈️ THUNDER MOON ⛈️ pic.twitter.com/XLufAdoDEQ
— NASA Moon (@NASAmoon) July 7, 2017
सनातन हिन्दू धर्म के साथ-साथ बौद्ध धर्म में इस दिन को गुरु की उपासना का दिन माना जाता है, वहीं कई लोगों का मानना है कि इस दिन ऋषि वेद व्यास के द्वारा से धरती पर वेदों का अवतरण हुआ था, इसी कारण इस दिन लोग बड़े मन के भाव से वेदों की पूजा भी करते हैं, इसी कारण इसे ‘व्यास पूर्णिमा’ भी कहा जाता है|
‘गुरु ब्रह्मा गुरुर्विष्णु: गुरुदेव महेश्वर:।’
गुरु साक्षात्परब्रह्म तस्मैश्री गुरुवे नम:।।
ऐसी पवित्र पंक्तियों की पवित्र सत्यता को सपष्ट करने के लिये ही ,गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर मेरिकन एजेंसी NASA चांद की खूबसूरत तस्वीरों को ट्वीट कर भारत की धार्मिक सत्यता को स्पष्ट किया है