सपनों का गाँव जो अपनी खूबसूरती को समेटे हुए है, जानिए इस गाँव के बारे में

कहते है की भारत की आत्मा गाँवों में रहती है, देखा जाये तो हर एक भारतीय आज भी गाँवों से जुड़ा हुआ है, समय के बदलते परिवेश में कुछ लोग रोजगार के लिए शहरों में बस गए , लेकिन वे गाँव की मिट्टी को आज भी नहीं भूले होंगे । भारत में भी कई ऐसे गाँव है जो अपनी खूबसूरती और सादगी को समेटे हुए है । तो चलिए आज हम आप को आप के सपनों के गाँव की सेर कराने के लिए ले चलते है…. 

गिएथूर्न, नीदरलैंड (हॉलैंड) का एक गाँव जहाँ की खूबसूरती और सादगी देख कर वहा से आने का मन ही नही करेगा आप का । यह गाँव एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जो की ‘दक्षिण का वेनिस’ या ‘नीदरलैंड का वेनिस’ के नाम से भी जाना जाता है। इसे लोग सपनों का गाँव भी कहते है , वर्षभर यहाँ पर सेलानियों का जमावड़ा लगा रहता है ।Image credit

नीदरलैंड (हॉलैंड) के इस गाँव की एक खास विशेषता ये हे की यह पूरा गाँव नहरों से घिरा है। लोगो के आने जाने के लिए उनके पास एक भी गाड़ी या कार नहीं है क्यों की उन्हें चलाने के लिए यहा ढंग की एक भी सड़क नहीं है । किसी को कई आना -जाना हो तो वह बोट नाव के सहारे ही आ जा सकता है । लोगो के आने जाने के लिए नहरों में इलेक्ट्रिक मोटर से नाव चलती हैं, वहीं, कुछ लोगों ने एक से दूसरी जगह जाने के लिए गांव के बीच से गुजरने वाली नहर पर लकड़ी के पुल बना लिए हैं।Image credit

1230 में स्थापना हुई थी इस गाँव की :

इतिहासकारों की माने तो इस गाँव की स्थापना सन  1230 में हुई थी। कहा जाताहै की यहाँ सन 1170 की एक भयंकर बाढ़ आई थी जो अपने साथ कई पशुओ और लोगो को बहा कर लायी होगी, क्यों की जब लोग यहाँ पर रहने आये तो उन्हें यहाँ पर बहुत सारे जंगली बकरियों के सिंग मिले जो की सम्भवतया 1170 की बाढ़ में यहाँ बह कर आई होगी। इसलिए इस जगह का शुरुआती नाम पड़ा ‘गेटेनहोर्न’ (Geytenhorn), जिसका मतलब होता है ‘बकरियों के सिंग’। बाद में इसका नाम गिएथूर्न (Giethroon) हो गया।कैसे बनी नहरे :

इन नहरों के बनने के पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है, यहाँ पर इन नहरों का निर्माण अनजाने में ही हुआ। हुआ यूँ की जब लोग यह पर रहने आये तो उन्होंने देखा की 1170 की बाढ़ के कारण यहाँ पर जगह जगह प्रचुर मात्रा में पिट इकठ्ठी ही गई है। पिट एक तरह की दलदली मिटटी और वनस्पतियों का मिश्रण होता है जो की ईंधन के रूप में काम में लिया जाता है। उन लोगो ने इस पिट को काम में लेने के लिए जगह जगह उसकी खुदाई करी। इस तरह खुदाई करते करते कई सालों में यहाँ पर नहरों का निर्माण हो गया। तब, शायद किसी को यह अंदाजा नहीं होगा कि पीट निकालने से बनी नहरों के कारण यह जगह दुनिया के नक्शे पर खूबसूरत पर्यटक स्थल के रूप में छा जाएगी। इस गाँव से कुल 7.5 किलो मीटर लम्बी नहरें निकलती है।


एक फिल्म से हुआ फेमस :

वर्ष 1958 में बर्ट हांस्त्रा की डच कॉमेडी फिल्म फेनफेयर (Fanfare) की शूटिंग यहाँ होने के कारण गिएथूर्न विशव स्तर पर फेमस हो गया।