राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के निवासी रामचंद्र के एक पैर नहीं है लेकिन वह एक पैर के सहारे खेती का काम भी करते है और अपनी दैनिक दिनचर्या के अन्य काम भी। रामचन्द्र किसी पर बोझ नही बनना चाहते यही वजह है कि वह किसी काम के लिए किसी की मदद नही लेते।
एक पैर के सहारे 19 साल से कर रहे है खेती:
रामचंद्र पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी है जिसे वह बखूबी निभा रहे है. रामचंद्र इसी एक पैर के सहारे पिछले 18 वर्षों से खेती कर रहे है। खेती के ऑफ सीजन के दौरान वह मजदूरी करने शहर भी जाते है। अपनी मेहनत के बल पर ही वह अब तक अपनी दो बेटियों की शादी भी कर चुके है।
कभी सोचा था आत्महत्या कर लूं:
धरती का यह निडर लाल रामचंद्र कभी जिन्दगी से हार मानकर आत्महत्या करना चाहता था लेकिन फिर परिवार को बारे में सोचा तो ख्याल आया की आत्महत्या करना तो आसान है पर सभी संघर्षों के साथ जिन्दगी जीना ज्यादा मुश्किल है। बस फिर क्या था रामचंद्र ने अपनी राह खुद बनाई और न केवल अपनी जिन्दगी को नई दिशा दी बल्कि समाज के उन लोगों के लिए प्रेरणा भी बने जो कुछ खोने के बाद पूरी तरह टूट जाते है।