सबने कहा, अच्छे से जाना,
और माँ ने कहा, बेटा जल्दी आना
सैल्फी नही… किसी का दर्द
? खिंच पाओ.. तो कुछँ बात बने…!!
ये दुनिया जरुरत के हिसाब से चलती है,
सर्दियों में जिस सूरज का इंतज़ार होता है,
गर्मियों में उसी सूरज का तिरस्कार।आप की कीमत तब तक है।
जब तक आपकी जरुरत।
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