जहां सदियों पुराने एक हिन्दू मंदिर में प्राचीन क्रिस्टल शिवलिंग मिला है। इस शिवलिंग की ख़ास बात है कि इसके अंदर भरा हुआ पानी सदियां बीत जाने पर भी नहीं सूखा है।
ये कोई चमत्कार है या नहीं, ये कोई नहीं जानता लेकिन वहां के लोग इसे अमृत बता रहे हैं।
मंदिर में भीम, अर्जुन और शिव की पूजा करती हुई श्रीगणेश की कलाकृतियां।
इन्हीं मंदिरों में से एक है Candi Sukuh, जिसका काफी हिस्सा ध्वस्त हो चुका है। यह मंदिर मुख्य जावा आइलैंड के बीच में स्थित है। ये इस्लाम के प्रभाव से पूर्व बना अंतिम मंदिर है। इसमें भगवान शिव और महाभारत काल से जुड़ी कई कलाकृतियां मौजूद हैं। भीम, अर्जुन और शिव की पूजा करती हुई श्रीगणेश की कई कलाकृतियां होने के कारण ये मंदिर काफी महत्वपूर्ण है।
यहां मौजूद अधिकतर कलाकृतियों को इंडोनेशिया के राष्ट्रीय संग्रहालय में शिफ्ट कर दिया गया है, क्योंकि वे बेशकीमती हैं। इनमें से एक 1।82 मीटर का शिवलिंग भी है। यहां की सरकार ने सभी कलाकृतियों के पुनर्संग्रहण के आदेश दिए, जिसके बाद कुछ नई कलाकृतियां भी दुनिया के सामने आईं।
Candi Sukuh मंदिर के पुनर्संरक्षण इकाई के मुखिया Deny Wahju Hidajat ने कहा, ‘ये मन को मोहने वाली बात है कि सैकड़ों सालों से पीतल के बर्तन में रखा हुआ पानी नहीं सूखा है।’ जिस बर्तन में ये शिवलिंग पाया गया है, वो उन कई जारों में से एक है, जो मंदिर के अंदर बने एक स्मारक के नीचे छुपाकर रखे गए थे।
पुरातत्वविदों के अनुसार, ये कलाकृतियां 15वीं सदी की हैं, जब इस्लाम का जावा में प्रभुत्व था और शायद इसीलिए इन्हें इतना छुपाकर रखा गया था।
कलाकृतियां
इस बर्तन में न सूखने वाले पानी के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण भी हो सकता है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि ये अमृत है। कुछ भी हो, लेकिन इस प्राचीन शिवलिंग ने फिर एक चमत्कार किया है और लोगों की ईश्वर पर आस्था बढ़ा दी है।
source : topyaps
Before it became a predominantly Muslim country sometime between the 13th and 16th centuries, Indonesia had a long Hindu history. The evidence exists in the form of numerous ancient temples spread across the islands that together form the country.