आखिर क्यों कहा जाता है गाय को माता ,जानिए गाय की महिमा ……
हिंदू धर्म में गाय को बेहद पवित्र और पूजनीय माना जाता है। सिर्फ गाय ही नहीं बल्कि गाय से मनुष्यों को मिलने वाली हर चीज़ बेहद पवित्र होती है। हिन्दू धर्म के अनुसार गाय में 33 कोटि देवी-देवता निवास करते हैं। कोटि का अर्थ करोड़ नहीं, प्रकार होता है। इसका मतलब गाय में 33 प्रकार के देवता निवास करते हैं। ये देवता हैं- 12 आदित्य, 8 वसु, 11 रुद्र और 2 अश्विन कुमार। ये मिलकर कुल 33 होते हैं। शास्त्रों और विद्वानों के अनुसार कुछ पशु-पक्षी ऐसे हैं, जो आत्मा की विकास यात्रा के अंतिम पड़ाव पर होते हैं। उनमें से गाय भी एक है। इसके बाद उस आत्मा को मनुष्य योनि में आना ही होता है। जो इंसान गौ सेवा करता है उसके जीवन से एक-एक कर सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं आइए नज़र डालते हैं गाय माता से जुड़े कुछ तथ्यों पर, जो गाय को हिंदुओं के लिए पूजनीय बनाते हैं…….

1. गाय माता जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती है, उस जगह से सारे वास्तु दोष दूर हो जाते हैं।
2.गाय के गोबर से बने उपलों से रोजाना घर, दुकान और मंदिर परिसर में धुप करने से वातावरण शुद्ध होता है।
3.काली गाय की पूजा करने से नौ ग्रहों की पीड़ा शांत होती है। जो ध्यानपूर्वक धर्म के साथ गौ सेवा करता है उनको शत्रु दोषों से छुटकारा मिलता है और उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती हैं।

4.गाय को इस धरती पर साक्षात देव स्वरुप माना जाता है। गाय माता के खुर्र में नागदेवता, गोबर में लक्ष्मी जी, मुत्र में गंगाजी का वास होता है। जबकि गौ माता के एक आंख में सूर्य व दूसरी आंख में चंद्र देव का वास होता है।
5.गाय माता की पूंछ में हनुमानजी का वास होता है। किसी व्यक्ति को बुरी नज़र लग जाए तो गौ माता की पूंछ से झाड़ा लगाने पर नज़र उतर जाती है।
6.गाय माता की पीठ पर एक उभरा हुआ कुबड़ होता है। उस कुबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होती है। रोजाना सुबह आधा घंटा गौ माता की कुबड़ में हाथ फेरने से रोगों का नाश होता है।

7.गाय को अन्नपूर्णा देवी और कामधेनु माना जाता है। मान्यता है कि गौ माता का दूध अमृत के समान है, जिसमें सुवर्ण तत्व पाया जाता है जो रोगों की क्षमता को कम करता है।
8.गाय माता से ही मनुष्यों के गौत्र की स्थापना हुई है। गौ माता चौदह रत्नों में एक रत्न है। कहा जाता है कि गाय को चारा खिलाने से तैंतीस कोटी देवी देवताओं को भोग लग जाता है।
9.गाय माता के दूध, घी, मक्खन, दही, गोबर और गोमुत्र से बने पंचगव्य हजारों रोगों की दवा है। इसके सेवन से असाध्य रोग मिट जाते हैं। इन पंचगव्य के बिना पूजा पाठ हवन सफल नहीं होते हैं।

10.तन-मन-धन से जो मनुष्य गाय की सेवा करता है, उसे गौ स्वर्ग में वास मिलता है। गौ माता को घर पर रखकर सेवा करने वाला इंसान सुखी आध्यात्मिक जीवन जीता है और उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती।
11.अगर आपकी भाग्य रेखा सोई हुई है तो अपनी हथेली में गुड़ को रखकर गाय को चटाये। गाय अगर अपने जीभ से आपकी हथेली पर रखे गुड़ को चाटती है तो इससे आपकी सोई हुई किस्मत खुल सकती है।
12.गाय को जगत जननी कहा जाता है उसे पृथ्वी का रुप भी माना जाता है इसलिए गाय के चारो चरणों के बीच से निकल कर परिक्रमा करने से इंसान भय मुक्त हो जाता है। गौ माता कि सेवा परिक्रमा करने से सभी तीर्थो के पुण्यों का लाभ मिलता है।

13.गाय एक चलता फिरता मंदिर है। हम रोजाना तैंतीस कोटि देवी-देवताओं के मंदिर जा कर उनके दर्शन नहीं कर सकते पर गौ माता के दर्शन से सभी देवी-देवताओं के दर्शन हो जाते हैं।
14.कोई भी शुभ कार्य अटका हुआ हो और बार-बार प्रयत्न करने पर भी सफल नहीं हो रहा हो, तो कहा जाता है कि गाय के कान में अपनी परेशानी कहने से रुका हुआ काम बनने लगता है।
15.मान्यता है कि जब गाय अपने बछड़े को जन्म देती है तब का पहला दूध बांझ स्त्री को पिलाने से उनका बांझपन मिट जाता है।
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार गाय माता के बिना यह संसार अधूरा है। जो लोग गाय से जुड़े इन तथ्यों को समझते हैं वो लोग गाय को अपनी माता के समान पूजते हैं और जो लोग इन तथ्यों को महज़ ढकोसला समझते है, उनके लिए गाय सिर्फ एक प्राणी है और कुछ नहीं।
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