आज हर घर में चावल खाया जाता है और इसके बनाने के कितने ही तरीके सामने आ चुके है | तमिलनाडु, असम, पश्चिम बंगाल, केरल में चावल ज्यादा मात्र में पैदा होता है भी और खाया भी ज्यादा जाता है | इतनी ज्यादा मात्रा चावल खाया जाने बावजूद क्या आपको मालूम है की ये चावल कब और कहाँ से आया जानिए इसके बारे में ….

1. भारत में चावल की खेती बहुत पहले ही शुरू हो गयी थी| प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के स्थानों पर नये शोध में पता चला है कि देश की मुख्य फसलों की पैदावार चीन के साथ ही शुरू हो गयी थी |
2. शोध में यह तथ्य भी उजागर हुआ है कि सिंधु घाटी के लोग दोनों मौसमों में जटिल फसलों की पैदावार करते थे|
3. गर्मियों में यहां चावल, बाजरा और सेम पैदा की जाती थी और सर्दियों में गेहूं, जौ और दाले पैदा की जाती थी | दोनों फसलों के लिए पानी की अलग-अलग मात्राओं की जरूरत होती है |
4. शोधानुसार क्षेत्रीय कृषकों का एक नेटवर्क प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के बाजारों में मिश्रित उपज की आपूर्ति करता था| कांस्य युग के समय में यह सभ्यता पाकिस्तान से लेकर भारत के उत्तर पश्चिम क्षेत्र तक फैली हुयी थी |

5. गंगा के मध्य तराई क्षेत्र के लहुरादेव के इलाके में चावल के प्रयोग के प्रमाण मिले हैं, जबकि लंबे समय से यह माना जाता था कि यह कृषि विधियां सिंधु सभ्यता के अंत तक दक्षिण एशिया तक नहीं पहुंच सकीं और करीब 2000 ईसा पूर्व में चीन से यह विधि यहां आयी|
6. उत्तर प्रदेश में बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय (बीएचयू) और ब्रिटेन के आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधार्थियों को करीब 430 साल पहले दक्षिण एशिया में इस फसल के पहुंचने के प्रमाण मिले हैं|

7. ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के जेनिफर बेट्स ने कहा, ‘‘हमें पूरी तरह से प्राचीन दक्षिण एशिया में अलग प्रक्रिया के तहत खेती के प्रमाण मिले हैं|
8. अनुमान है कि जंगली जनजाति ओरयाजा निवारा इस तरह की खेती करते थे|

9. ‘नम’ और ‘सूखी’ भूमि पर धान की फसल पैदावार होने से यहां के विकास में मदद मिली|
10. यह चीन में धान की पैदावार कने से करीब 2000 ईसापूर्व पहले ही यहां पहुंच गयी थी|