पाण्डव द्रौपदी सहित वन में पर्णकुटि बनाकर रहने लगे। वे कुछ दिनों तक काम्यकवन में रहने के पश्चात द्वैतवन में चले गये। वहाँ एक बार जब पाँचों भाई भ्रमण कर रहे थे तो उन्हें प्यास सताने लगी। युधिष्ठिर ने नकुल को...
गन्धमादन पर्वत स्थित कुबेर के महल में चार वर्ष व्यतीत करने के पश्चात पाण्डव वहाँ से चले। मार्ग में अनेक वनों में रुकते-रुकाते, स्थान-स्थान पर अपने शौर्य और पराक्रम से दुष्टों का दमन करते, ऋषियों और ब्राह्मणों के सत्संग का लाभ...
एक बार पाँचों पाण्डव आवश्यक कार्यवश बाहर गये हुए थे। आश्रम में केवल द्रौपदी, उसकी एक दासी और पुरोहित धौम्य ही थे। उसी समय सिन्धु देश का राजा जयद्रथ, जो विवाह की इच्छा से शाल्व देश जा रहा था, उधर से...
अर्जुन के इन्द्रप्रस्थ से दिव्यस्त्र कि शिक्षा पाकर लौटने के बाद पाँचों पांडव द्रौपदी के साथ काम्यवन में अपना आश्रम बना कर रह रहे थे तभी एक बार पाँचों पाण्डव किसी कार्यवश बाहर गये हुये थे। आश्रम में केवल द्रौपदी, उसकी...
‘अज्ञातवास’ का अर्थ है- “बिना किसी के संज्ञान में आये किसी अपरिचित स्थान व अज्ञात स्थान में रहना।”वनवास के बारहवें वर्ष के पूर्ण होने पर पाण्डवों ने अब अपने अज्ञातवास के लिये मत्स्य देश के राजा विराट के यहाँ रहने की...
पाण्डवों को मत्स्य नरेश विराट की राजधानी में निवास करते हुए दस माह व्यतीत हो गये। सहसा एक दिन राजा विराट का साला कीचक अपनी बहन सुदेष्णा से भेंट करने आया। जब उसकी दृष्टि सैरन्ध्री (द्रौपदी) पर पड़ी तो वह काम-पीड़ित...
कीचक के वध की सूचना आँधी की तरह चारों ओर फैल गई। वास्तव में कीचक बड़ा पराक्रमी था और उससे त्रिगर्त के राजा सुशर्मा तथा हस्तिनापुर के कौरव आदि डरते थे। कीचक की मृत्यु हो जाने पर राजा सुशर्मा और कौरवों...
राजा सुशर्मा तथा कौरवों को रणभूमि से भगा देने के बाद पाण्डवों ने स्वयं को सार्वजनिक रूप से प्रकट कर दिया। उनका असली परिचय पाकर विराट को अत्यन्त प्रसन्नता हुई और उन्होंने अपनी पुत्री उत्तरा का विवाह अर्जुन से करना चाहा,...
महाभारत युद्ध में दोनों पक्षों की सेनाओं का सम्मिलित संख्या बल अठ्ठारह अक्षौहिणी था। युधिष्ठिर सात अक्षौहिणी सेना के, जबकि दुर्योधन ग्यारह अक्षौहिणी सेना का स्वामी था। पाण्डव तथा कौरव दोनों ही ओर की सेनाएँ युद्ध के लिए तैयार हुईं। पहले...
पहले दिन से ही महाभारत का युद्ध बड़े ही भयंकर रूप से प्रारम्भ हुआ। आठवें दिन का युद्ध भी घनघोर था। इस दिन अर्जुन की दूसरी पत्नी उलूपी से उत्पन्न पुत्र महारथी इरावान मारा गया। उसकी मृत्यु से अर्जुन बहुत क्षुब्ध...