Asghar Gondvi (असग़र गोंडवी) 1884-1936 Shayari
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चला जाता हूँ हँसता-खेलता मौजे-हवादिस* से
अगर आसानियाँ हों जिन्दगी दुश्वार हो जाये
मौजे-हवादिस – दुर्घटनाओं या हादसों की लहरें या तरंगें
Chala jaata hun hansta-khelta mauje-hawadis se
Agar aasaniyan hon zindagi dushwaar ho jaaye
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यहाँ तो उम्र गुजरी है मौजे- तलातुम* में
वो कोई...