आँसू लेके आँखों में…
आँखों में आँसू लेके होठों से मुस्कुराये,
हम जैसे जी रहे हैं कोई जी के तो बताये।
आँखें बरसतीं हैं…
हमारे शहर आ जाओ सदा बरसात रहती है,
कभी बादल बरसते हैं कभी आँखें बरसतीं हैं।
मोहब्बत की तो आँसू गिरे…
मुझको लूट कर जाने वाले चले गए,
मेरी आँखों से नींद चुरा कर ले गये,
मोहब्बत की दिल से… तो आँसू गिरे,
लोग उन्हें मोती समझकर उठा ले गये।
आफताब की गर्मी से…
आफताब की गर्मी से दरिया का पानी ख़त्म नहीं होता,
लैला के इंकार से मजनू का जज़्बा कम नहीं होता,
फ़िराक की मुसीबत हो या यार के वस्ल की लज़्ज़त,
किसी भी हाल में अश्कों का बहना काम नहीं होता।
अश्कों की मिलावट…
मेरे ख़त में जो भीगी भीगी सी लिखावट है,
स्याही में थोड़ी सी मेरे अश्कों की मिलावट है।
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