उत्तर कोरिया के गुआम द्वीप पर हमले की तैयारी की खबर के बाद पूरे विश्व में हलचल पैदा हो गई है। अमरिका ने गुआम द्वीप को बचाने के लिए अपनी ताकत गुआम में लगानी शुरू भी कर दी है। आइए हम आपको बताते हैं कि अमरिका की कितनी ताकत इस समय गुआम की रक्षा के लिए तैनात हो चुकी है-

हवाई हमले के लिए एयरबेस तैयार:
अमेरिका ने इस द्वीप के उत्तरी किनारे पर घने जंगलों के बीचों-बीच अपना एक विशाल एयरबेस बनाया हुआ है। इस एयरबेस के रनवे पर बी1 बमवर्षकों का एक बेड़ा हर समय तैयार रहता है ताकि उत्तर कोरिया के दक्षिण कोरिया पर हमला बोलने की स्थिति में जवाब दिया जा सके।

ख़ुफ़िया सैन्य अड्डा और पनडुब्बियां:
गुआम के पश्चिमी तट पर एक और खुफ़िया सैन्य अड्डा है जहां परमाणु हमले के लिए पनडुब्बियों का बेड़ा तैनात है।लेकिन शायद इससे भी ज्यादा ख़ास वो जगह है जो गुआम के दक्षिण में पहाड़ी के नीचे छुपी हुई है। गुआम के गवर्नर एडी केल्वो कहते हैं, “यहां अमरीकी सेना का साजो-सामान रहता है।”

इतने गोला-बारूद से हफ़्तों तक लड़ सकता है अमरीका:
“गुआम में इतना गोला-बारूद जमा है कि जितना अमरीका में किसी भी जगह जमा नहीं है”। किसी भी युद्ध के लिए गोला-बारूद सबसे अहम होता है। और, गुआम में इतना गोला-बारूद और मिसाइलें मौजूद है कि अमरीका कई हफ़्तों तक युद्ध लड़ सकता है।
गुआम में पर्यटक भी अमेरिका के हथियार देखते हैं:
गुआम आने वाले 15 लाख पर्यटकों में से ज़्यादातर जापान और दक्षिण कोरिया से आते हैं। यहां शूटिंग रेंज भी हैं जहां पर जापानी पुरुष एम 16 मशीन गन पर हाथ आजमाते हैं जो जापान में गैर-क़ानूनी है। ऐसे में अमरीका इन लोगों को एशिया में रहते हुए अमरीका वाला अहसास देता है।

गुआम और अमरीका:
गुआम का अमरीका से रिश्ता साल 1898 के स्पेन-अमरीकी युद्ध से जुड़ा है। इस युद्ध में ही अमरीका को यूएस पोर्टो रिको और फिलीपींस हासिल हुआ था।फ़िलीपींस को आख़िरकार आजादी मिल गई लेकिन गुआम एक अमरीकी क्षेत्र बना रहा। सही अर्थों में ये एक स्वशासित कॉलोनी है।
अमरीका की वजह से सुरक्षित महसूस करते हैं गुआम के लोग:
उत्तरी कोरिया के गुआम पर हमला करने की बात पर यहाँ के लोग कहते हैं कि “अमरीकी सेना की वजह से मैं सुरक्षित महसूस करता हूं क्योंकि वे ताक़तवर हैं और हमारी रक्षा करेंगे। उत्तर कोरिया हमारे साथ कुछ नहीं करेगा और अगर वह कुछ करेगा तो हम उन्हें बर्बाद कर देंगे।”