बरसात के दिनों की सबसे सुन्दर बात बचपन में यही लगती थी की उस समय आसमान मे इन्द्रधनुष देखने को मिलता था । इतने सारे रंग एक साथ असमान में देखकर यही लगता था की आखिर यह रंग कौन बनाता है तो आईये आपके बचपन के सपने को हम पूरा करते है और आपको बताते है की आखिर यह सुन्दर सा इन्द्रधनुष कैसे बनता है ।

असलियत में जो हमें सूर्य का प्रकाश सफेद सा दिखाई पड़ता है वह सात अलग अलग रंगों से मिलकर बना होता है | प्रिज्म के जरिये इसका पता भी चल सकता है | इंद्रधनुष असल में प्रकृति का प्रिज्म ही तो है | बारिश या भाप के धूप के संपर्क में आने पर पानी की छोटी छोटी बूंदे पारदर्शी प्रिज्म का काम करने लगती हैं | सूर्य का प्रकाश उनसे गुजरते हुए अपने सात अलग अलग रंगों में टूट जाता है और हमें दिखाई पड़ता है एक सुन्दर सा इंद्रधनुष |इंद्रधनुष में बैंगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी और लाल रंग दिखाई पड़ता है | यही सात रंग साथ मिलकर सफेद प्रकाश बनाते हैं,परन्तु जैसे ही रास्ते में प्रिज्म या बुंदे आती है यह अपने सातों रंग विभाजित हो जाता है ।

बारिश की रिमझिम बूंदों के बीच यदि कही धूप भी हो तो सूर्य की तरफ मुंह कर लीजिए, आपको कहीं न कहीं इंद्रधनुष जरुर दिखाई पड़ेगा। इसके अलावा विशाल झरनों के पास भी इसे आम तौर पर देख सकते है । कितनी ही बार ऐसा भी होता है कि हमें एक नहीं बल्कि दो-दो इंद्रधनुष दिखाई देते है । ऐसा तब होता है जब एक ही जगह मौजूद बूंदों के बार बार धूप के संपर्क में आने से दो इंद्रधनुष दिखाई देते हैं । सर्वप्रथम इंद्रधनुष से निकली रंगीन रोशनी जैसे ही सफेद में बदलती है, वैसे ही उसका संपर्क अन्य किसी दूसरी बूंदों से हो जाता है और फिर प्रकाश अलग अलग रंगों में बिखर जाता है , परन्तु इस दुसरे इंद्रधनुष के रंग उल्टे क्रम में होते हैं।