भारत में बहुत से ऐसे मंदिर है जहाँ कई सालो से चमत्कार होते आ रहे और उन चमत्कारों के कारण वहां भक्तो की भीड़ लगती है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जिनमें कई वर्षों से चमत्कारिक रूप से लगातार अग्नि जल रही हैं। कैसे हजारों सालों से इन मंदिरों में अखंड ज्योत जलती आ रही हैं, इसका रहस्य आज भी कोई नहीं जान पाया आईये जानते है इन चमत्कारीक मंदिरों के बारे में …..
1. ममलेश्वर महादेव (हिमाचल प्रदेश)-
यह हिमाचल प्रदेश के ममलेश्वर महादेव मंदिर में स्थित धुनि जिसे अग्नि कुंड भी कहा जाता है। इस मंदिर में पांच शिवलिंग हैं जो पांडवों द्वारा स्थापित माने जाते हैं। कहते हैं पांच हजार साल पहले यहां पांडव आए थे उस समय पांडवों ने यहां एक अग्नि कुंड जलाई थी। उस समय से ही इस अग्निकुंड में निरंतर अग्नि जल रही है। यानी पांडवों के द्वारा जलाई गई अग्नि को आज भी यहां कायम रखा गया है।
2. त्रिर्युगी नारायण मंदिर (उत्तराखंड) –
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के त्रिर्युगी नारायण गांव में एक मंदिर है जिसे त्रिर्युगी नारायण मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में एक अग्निकुंड है, जिसे भगवान शिव और पार्वती के विवाह के लिए प्रज्जवलित अग्नि कुंड के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि यह कुंड सतयुग से जल रहा है इसलिए यह त्रिर्युगी अग्निकुंड भी कहलाता है। आज भी श्रद्धालु इस कुंड के दर्शन करते हैं और इसकी राख अपने साथ ले जाते हैं। मान्यता है कि इस कुंड की राख वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने में सहायक होती है।
3. श्री राधारमण मंदिर (वृंदावन) –
वृंदावन के श्री राधारमण मंदिर में भी अखंड लौ जल रही है। कहते हैं यह लौ तमिलनाडु के श्रीरंगपट्टनम स्थित श्रीरंगम् मंदिर से वृंदावन आई है। चैतन्य महाप्रभु के भक्त श्री गोपाल भट्ट जी इसे करीब 500 साल पहले लेकर आए थे। उस समय से यह लौ कभी बुझी नहीं है। इसी से मंदिर के दीप जलाए जाते हैं और भगवान के लिए भोग भी बनाए जाते हैं। लौ नहीं बुझे इसके लिए भोग बनाने के बाद कुछ लकड़ियां इसमें डाल कर ढक दी जाती है ताकि अंदर अंदर अग्नि सुलगती रहे।
4. कामाख्या मंदिर (असम) –
असम में स्थिति तंत्रपीठ कामाख्या मंदिर में भी एक दिव्य लौ जलती है जिसे प्राकृतिक कहा जाता है। मंदिर के अंदर आपको अंधकार में एक धीमी लौ जलती नजर आएगी इस लौ के दर्शन को देवी के दर्शन के समान माना जाता है।
5. हरसिद्धि माता मंदिर (मध्यप्रदेश) –
मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित यह है हरसिद्धि माता का मंदिर। इस मंदिर में 30 अखंड दीप जलते हैं। कहते हैं कि यह दीप 2000 साल से लगातार जल रहे हैं। मान्यता के अनुसार, महाराजा विक्रमादित्य मंदिर में दीप जलाएं थे। जो कि आज भी अखंड दीप के रूप में जल रहे हैं। हवा भी उन्हें बुझा नहीं पाती। हर दिन दीप में तेल भरा जाता है और यह निरंतर जलते रहते हैं।
6. ज्वाला देवी मंदिर –
ज्वाला देवी मंदिर में जमीन के अंदर से ज्वाला फूट रही है और इसे देवी का साक्षात् स्वरूप माना जाता है। ऐसी कथा है कि मुगल बादशाह अकबर ने इस ज्वाला को बुझाने की काफी कोशिश की लेकिन कोशिश नाकामयाब रही हैं। अंत में देवी की शक्ति को मानकर अकबर ने देवी को सोने का छत्र चढ़ाया।