5वीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ चुके हमीद ने बनाया ऐसा घर बनाया है, जो चल सकता है, बड़े-बड़े इंजीनियर आते हैं इसे देखने

अकसर ऐसा देखा गया है कि बीच में ही पढ़ाई छोड़ देने वाले बच्चे कुछ ऐसा कर दिखाते हैं जिसके कारण पूरी दुनिया उनका उदाहरण देती है. Bill Gates, Oprah Winfrey और Steve Jobs ऐसे कुछ नाम हैं, जो बिना किसी डिग्री के शोहरत बटोर रहे हैं। इसका ये मतलब नहीं है कि आप अपने बच्चों को स्कूल से निकाल कर घर में बिठा दें. ये तो कुछ अपवाद होते हैं. स्कूल छोड़ने के बाद कुछ असाधारण करने वालों की लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया है, ये नाम है 65 वर्षीय मोहम्मद सहुल हमीद का।

5वीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ देने वाले हमीद ने ऐसा घर बनाया है, जो चल सकता है. अब इसका मतलब मत निकाल लीजिये कि ये घर चल कर दूर तक जा सकता है। इस घर को ‘Moving Type House’ कहा जा रहा है, क्योंकि ज़रूरत पड़ने पर इसको Move किया जा सकता है।

हमीद ने इसको बनाने के लिए ‘Raft Foundation Technology’ का इस्तेमाल किया है। जब उन्होंने अपने परिवार वालों से और अपने दोस्तों से ऐसा घर बनाने की बात कही, तो सबने इनको मानसिक तौर पर अस्वस्थ मान कर इनका खूब मज़ाक उड़ाया। लोगों को ये बात समझने में बहुत वक़्त लग गया कि वो समय और संसाधनों की बर्बादी नहीं कर रहे।

अपने सपनों को आकार देने के लिए हमीद ने पहले ये सीखा कि ‘Pre-Fabricated’ संरचना कैसे बनाते है? 20 साल तक दुबई में काम करने के दौरान उन्होंने घर बनाने की कई और टेक्नोलॉजी भी सीखीं।

 

अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए, इन्हें न तो अपने परिवार से कोई मदद मिली और ना ही दोस्तों से। 25 लाख का उनका ये प्रोजेक्ट तमिलनाडु के मेलापुदुवक्कुदी गांव में 1080 स्क्वायर फीट ज़मीन पर खड़ा है. इस अनोखे घर में ग्राउंड फ्लोर पर तीन और फर्स्ट फ्लोर पर 2 बेडरूम्स हैं. फर्स्ट फ्लोर के बेडरूम्स को Iron Rollers की मदद से इधर-उधर किया जा सकता है।


 हमीद ने कहा कि ‘मैं कुछ नया करना चाहता था, इसलिए मैंने ये ‘Moving House’ बनाया और सबको गलत साबित कर दिया.’।

 

 इस अनोखे निर्माण से प्रभावित होकर राज्य के विभिन्न जगहों से इंजीनियर हमीद का घर देखने आते हैं. सब उनके काम की तारीफ़ करते हैं. हमीद ने राज्य के सिविल इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को ये घर देखने के लिए बुलाया है।

सही कहा गया है कि अगर आप अपने इरादों के प्रति दृढ़ संकल्पित हों, तो आपको आपके मंज़िल तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। कल तक पागल कह कर हमीद का मज़ाक उड़ाने वाले आज उनके आस-पास खड़े दिख जाएंगे। इसलिए हमें किसी की सराहना या शिकायत की परवाह किये बिना अपना काम करते रहना चाहिए।