मंदिरों के चमत्कार और उनसे जुड़ी कहानियां तो आपने कई बार सुनी होंगी. लेकिन बेंगलूरु के पास 20 साल पहले मिले इस मंदिर के बारे में जान कर आप हैरान रह जाएंगे.

1997 में खाली ज़मीन पर कुछ मज़दूर खुदाई का काम कर रहे थे. खुदाई के दौरान उन्हें नंदी की एक प्रतिमा दिखी, जिसकी ख़बर उन्होंने फ़ौरन उस ज़मीन के मालिक को दी.

नंदी को भगवान शिव की सवारी भी कहा जाता है. और नंदी की मूर्ती मिलने की बात जंगल की आग की तरह पूरे इलाके में फ़ैल गई. पुरातत्व विभाग को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने इस जगह को अपने अंडर ले लिया.

खुदाई के दौरान पुरातत्व विभाग को पता चला कि उस ज़मीन के नीचे 400 साल पुराना एक मंदिर है. इस मंदिर की ख़ास बात ये है कि नंदी की प्रतिमा के नीचे शिवलिंग है और उसके सामने एक छोटा सा तालाब भी है. नंदी के मुंह से लगातार पानी की एक धारा निकलती रहती है जो शिवलिंग को भिगोती है.
लेकिन पुरातत्व विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि आखिर इतने साल बाद भी ये तकनीक काम कैसे कर रही है और नंदी के मुंह से निकलने वाला पानी आ कहां से रहा है.
जांच हुई, खुदाई की गई लेकिन अभी तक इसके बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया है. ये 20 साल बाद भी पुरातत्व विभाग के लिए एक अनसुलझी पहली की तरह है. खैर जो भी हो, लेकिन लोग यहां पूरी आस्था ले कर आते हैं. और साल के हर मौसम में यहां भक्तों को तांता लगा रहता है.
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