क्या आप जानते हैं भगवान विष्णु से जुड़े ये 3 रोचक रहस्यों के बारे में?
भारतीय पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु को विश्व का भगवान कहा जाता है। पुराणों में भगवान विष्णु के दो रूप दिखाए गए हैं। एक ओर तो उन्हें बहुत शांत, प्रसन्न और कोमल दिखाया गया है। परन्तु उनका दूसरा चेहरा बहुत भयानक है जहाँ उन्हें काल स्वरुप शेषनाग पर आरामदायक मुद्रा में बैठे हुए दिखाया गया है।

शास्त्रों में भगवान विष्णु के बारे में लिखा है कि – “शान्ताकारं भुजगशयनं”। इसका अर्थ यह है कि भगवान विष्णु शांत भाव से शेषनाग पर आराम कर रहे हैं। भगवान विष्णु के इस रूप को देखकर प्रत्येक व्यक्ति के मन में यह प्रश्न उठता है कि सर्पों के राजा के नीचे बैठकर कोई इतना शांत कैसे रह सकता है?
इसका तुरंत उत्तर यह आता है कि वे भगवान हैं और उनके लिए सब कुछ संभव है। विष्णु के पास कई अन्य शक्तियां और राज़ हैं जो आपको आश्चर्यचकित कर सकते हैं।
1. भगवान विष्णु के शेषनाग पर आराम करने के पीछे क्या रहस्य है?
3 interesting secrets of Vishnu’s life people don’t know
2. भगवान विष्णु का नाम नारायण क्यों है?
एक पौराणिक कथा के अनुसार पानी का जन्म भगवान विष्णु के पैरों से हुआ है। गंगा नदी का एक नाम “विष्णुपदोद्की” भी है अर्थात भगवान विष्णु के पैरों से निकली हुई जो इस बात को सही सिद्ध करती है। इसके अलावा पानी को “नीर” या “नर” भी कहा जाता है तथा भगवान विष्णु भी जल में ही निवास करते हैं। अत: “नर” शब्द से उनका नारायण नाम पड़ा है। इसका अर्थ यह है कि पानी में भगवान निवास करते हैं।।
3. उनके अन्य नाम “हरि” का क्या अर्थ है?
आपने सुना होगा कि भगवान विष्णु को “हरि” नाम से भी बुलाया जाता है। परन्तु आप में में से कितने लोग जानते हैं कि ऐसा क्यों? हम आपको बताते हैं। हरि का अर्थ है दूर करने वाला या चुराया हुआ। ऐसा कहा जाता है कि “हरि हरति पापानि” जिसका अर्थ है हरि भगवान हमारे जीवन में आने वाली समस्याओं को तथा हमारे पापों को दूर करते हैं।
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