भारतीय वायुसेना के बेड़े में पहला स्वदेशी निर्मित लडा़कू विमान ‘तेजस’ को शामिल किया गया। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने दो स्वदेशी तेजस को आज भारतीय वायुसेना को सौंपा। इस नए लड़ाकू विमान के चलते भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ गई है। तो आइए जानें तेजस के बारे में कुछ रोचक बातें…
1. लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) प्रोग्राम को मैनेज करने के लिए 1984 में एलडीए (एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी) बनाई गई थी। एलसीए ने पहली उड़ान 4 जनवरी 2001 को भरी थी। अब तक यह कुल 3184 बार उड़ान भर चुका है।
2. तेजस 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।
3. तेजस के विंग्स 8.20 मीटर चौड़े हैं। इसकी लंबाई 13.20 मीटर और ऊंचाई 4.40 मीटर है। तेजस का वजन 6560 किलोग्राम है।
4. तेजस दुश्मन के विमानों पर हमला करने के लिए हवा से हवा में मार करने वाली डर्बी मिसाइलों और जमीन पर स्थित निशाने के लिए आधुनिक लेजर डेजिग्नेटर और टारगेटिंग पॉड्स से लैस है।
5. क्षमता के मामले में कई मायनों में यह फ्रांस में निर्मित मिराज 2000 के जैसा है।
6. तेजस का फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम जबरदस्त है और यह कलाबाजियों में माहिर है। विमान का ढांचा कार्बन फाइबर से बना है , जो कि धातु की तुलना में कहीं ज्यादा हल्का और मजबूत होता है।
7. इसमें सेंसर तरंग रडार लगाया गया है, जो कि दुश्मन के विमान या जमीन से हवा में दागी गई मिसाइल के तेजस के पास आने की सूचना देता है।
8. तेजस एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है, तेज और शक्ितशाली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने इसका नाम तेजस रखा था।
9. इसमें सेंसर से मिलने वाले डेटा को प्रोसस करने वाले मिशन कंप्यूटर का हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर ओपन आर्किटेक्चर फ्रेमवर्क को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। यानी इसे भविष्य में अपग्रेड भी किया जा सकता है।
10. वायुसेना इस साल कुल 6 तेजस को शामिल कर लेगा, वहीं अगले साल 8 एयरक्राफ्ट इसमें शामिल होंगे।